Description
शनि ग्रह का रत्न नीलम जिसे अंग्रेजी में ब्लू सफायर कहते है। यह चमत्कारिक रत्न शनि देव के शुभ प्रभाव को बढ़ाने में रह मदद करता है। ज्योतिष विज्ञान में इसे कुरुन्दम समूह का रत्न कहते है। शनि का रत्न नीलम बहुत शक्तिशाली माना जाता है। शनि की राशि है कुंभ और इस कारण यह रत्न कुंभ और मकर राशि के जातकों के लिए शुभ माना जाता है।
नीलम रत्न कौन धारण कर सकता हैं
मकर और कुंभ राशि के जातक इस अभिमंत्रित नीलम की अंगूठी को धारण कर सकते हैं।
विवरण
सर्टिफिकेट: | Govt. द्वारा प्रमाणित लैब सर्टिफिकेट |
धातु: | पंचधातु |
वजन: | 3.5 से 5 ग्राम |
माप: | फ्री साइज (Adjustable) |
नीलम रत्न की अंगूठी के लाभ
- ऑफिस में अगर दूसरे लोग आपको डॉमिनेट करने पर तुले हैं और आपके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है तो नीलम रत्न आपके लिए है।
- इस रत्न को धारण करने से आपको अपनी मेहनत का फल मिलने लगता है।
- यदि आपका काम बनते बनते रूक जाता है, सड़क दुर्घटनाएं बहुत होती हैं और शत्रु आप पर हावी रहते हैं तो यह अंगूठी आपके लिए ही है।
- यह रत्न धारण करने से मानसिक शांति मिलती है। राजनीति से जुड़े हुए लोगों के लिए यह रत्न धारण करना बहुत फायदेमंद होता है।
- यह धारण करने से कामकाज में धन-लाभ और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
- अगर व्यक्ति के मन में किसी प्रकार का भय है तो उसे खत्म करने के लिए यह रत्न धारण किया जाता है ।
- यह रत्न पहनने से आलस्य दूर होता है और पोजेटिव फिलिंग आती है।
- अगर आप बार बार गलत निर्णय लेते है तो जीवन को सही दिशा दिखाने का कार्य यह रत्न करता है।
- कुंडली में शनि अस्त, वक्री तथा निर्बल तथा नीच भाव में हो तो नीलम अवश्य धारण करना चाहिए लाभ होगा।
नीलम रत्न अंगूठी किस दिन और किस उंगली में धारण करें
शनि के रत्न नीलम को शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार के दिन या ब्रह्म मुहूर्त में या शनि के नक्षत्र में सीधे हाथ की मध्यमा अंगूली में धारण करना सबसे उत्तम माना गया है। नीलम धारण करते समय शनि के मंत्र ऊँ शं शनैश्चाराय नमः का 108 बार जाप जरुर करना चाहिए।
हमसे क्यों लें
इस अंगूठी को आचार्य रमन ने शनि के मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित किया है जिससे यह आपको जल्द ही शुभ फल दे। इस अंगूठी के साथ सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।
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